रिज़वान अदातिया एक ऐसी हस्ती का नाम है जो अपनी बहुत सारी दौलत दूसरों के कल्याण और परोपकार के लिए दे देते हैं। पोरबंदर में जन्मे और अब मोजांबिक अफ्रीका में बस चुके रिज़वान केन्या, तंजानिया, यूगांडा, जाम्बिया, रवांडा, कांगो, मेगागास्कर आदि सहित 10 अफ्रीकी देशों में सफल कंपनी चला रहे हैं। रिज़वान अदातिया फाउंडेशन अफ्रीका और भारत में विकास के कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और मानव सेवा में लगा हुआ है। रिज़वान अदातिया से बातचीत करके अंदाजा हुआ कि उन्होंने कितने संघर्ष से यह मुकाम हासिल किया है और किस तरह उनके मन में गरीब और जरुरतमंद लोगों की मदद का जज्बा जागा. जो आदमी 10वीं क्लास फेल हो हो, जो 17 साल की उम्र में 175 रुपए महीने पर काम करता हो और जेब में सिर्फ 200 रुपए लेकर कांगो के सफर पर निकला हो, उसके लिए जीवन का सफ़र आसान नहीं रहा होगा मगर रिजवान ने बड़ी हिम्मत से काम किया और आज वह दूसरों के लिए एक प्रेरणा बने हुए हैं. चूंकि वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए, इसलिए रिजवान शिक्षा का खर्च नहीं उठा पाने वाले लोगों के लिए मसीहा बनके सामने आते हैं और लोगों की मदद करते हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों की मदद करना आज उनका एक मिशन बन चुका है। रिज़वान अदातिया फाउंडेशन की स्थापना करने वाले रिज़वान अदातिया अपने स्रोतों, अनुभवों एवं ज्ञान को जरूरतमंदों के बीच वर्षों से लगातार बांट रहे हैं। रिज़वान चाहते हैं कि देश से गरीबी, कुपोषण, बीमारियों का खात्मा हो तथा शिक्षा व रोजगार के अवसर सबको मिलें. रिज़वान अपनी कामयाबी का क्रेडिट, बांटने की सोच, ध्यान की शक्ति एवं योग से प्राप्त लाभ को देते हैं। वह जब १९८६ में भारत में प्रति माह मात्र १७५ रु. कमाते थे, तभी से उन्होंने दान देने में दिलचस्पी दिखाई थी. उन्होंने अपनी पहली कमाई उस गरीब व्यक्ति को दे दी थी जो दवाएं खरीदने की क्षमता नहीं रखता था। उन्हें लगता है कि वह उनके जीवन का सब से खुशी का दिन था। इस तरह का कार्य उन्होंने अपने जीवन में जारी ही रखा है. इस फिल्म में भी बड़े इमोशनल ढंग से यह सीन फिल्माया गया है जब वह एक बूढ़े व्यक्ति को अपनी कमाई की रकम देते हैं. रिज़वान का कहना है कि, ‘जिनके पास कुछ भी नहीं है हम उनमें उम्मीद, हिम्मत और चेतना की किरण जगाते हैं और जिनके पास काफी धन हैं उन्हें हम दान की प्रेरणा देते हैं।’ रिज़वान अदातिया फाउंडेशन लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उनके जीवन के अँधेरे को दूर कर उन्हें सबकी तरह जिंदगी गुज़ारने का मौका प्रदान करने के लिए काम करता है। जरूरतमंदों को चिकित्सा सुविधाएं देने, लाखों लोगों को आत्मनिर्भर बनाने, शिक्षा के स्तर में सुधार लाने, युवकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने का काम रिजवान और उनकी टीम करने में जुटी हुई है। रिजवान रोज़ सुबह ३ बजे उठते हैं और इंसानियत की भलाई के लिए दुआएं करते हैं, खुद से बातें करते हैं, आगे की सोचते हैं. जरुरतमन्दो, गरीब और लाचार लोगों की मदद से उन्हें जो सुकून मिलता है, उसका कोई जवाब नहीं है इसलिए वह मानव सेवा में ही खुद को समर्पित कर देना चाहते है. **]]>