इनकी मांग है कि इसकी जांच हो अभियंता (प्रधान) ने हमारे साथ जानबूझ कर ऐसा क्यों किये और इन अधिकारियो के पहचान के जो ठेकेदार है तो उनके साथ बातचीत कर उनको टेंडर दे दिया जाता है और उन ठेकेदार को टूडे आउट पेमेंट की सुविधा भी दिया जाता है जबकि पुराने ठेकेदारों को काम पूरा होने के बावजूद पैसे के लिए अधिकारियों के धक्के खाने पड़ते है, समय पर पैसे नही मिलते जबकि रेलवे में सबके लिए सामान्य नियम कानून है। ऑनलाइन टेंडर भरने के बाद ऑनलाइन के माध्यम से EMD वापस क्यों नही किया जाता है, ठेकेदार को क्यों परेशान किया जाता है। अभी जोन 4 का टेंडर केंसल हुआ है उसमे ठेकेदारों को काफी बड़ा नुकसान का सामना करना पड़ा है।]]>