२०११ से अपना फिल्मी करियर शुरू करने के साथ अपनी किस्मत को संघर्ष से पछाड़ने वाले दीपक सारस्वत ने आज तमाम छेत्रो में अपनी उपलब्धियो का लोहा मनवाया है. वह एक अच्छे लेखक, कवि और निर्देशक तो है ही, साथ ही एक अच्छे प्रवक्ता, कुटिल विचारक, नमस्कार न्यूज़, नमस्कार प्रोडक्शन व् नमस्कार चाय जैसे ब्रांड के मालिक भी है । अपने जीवन के कठोर दिनों को याद करते हुए सारस्वत बताते है कि बिना पहिचान के मुंबई आना और टिकना यहाँ सपनो जैसा है, न कोई इज्जत है और ना ही कोई आश्रय। कई नामचीन कंपनीयो के टीवी ऐड बनाने के साथ ही कई अवार्ड विजेता फिल्मो के लेखक और निर्देशक रहे है. नमस्कार प्रोडक्शन बैनर के तले कुछ अवार्ड शो भी कर चुके है और भारत सरकार के लिए कुछ प्रोजेक्ट का भी निर्माण भी कर चुके है. २० से ऊपर टीवी ऐड बनाने वाले दीपक सारस्वत आज कल अपनी फीचर फिल्म के प्रोडक्शन में व्यस्त है, साथ ही सामाजिक कार्यो में समान्तर कार्यरत है। पिता के ‘सीमा सुरक्षा बल’ में होने के कारन सारस्वत में देशभक्ति कूट कूट कर भरी है, उनके किसी भी भाषण में देश के प्रति प्रेम और समर्पण सुना जा सकता है। मंच पर आते ही जैसे खून की रफ़्तार तेज़ हो जाती है, जोश नसों में दौड़ने लगता है, किसी वरिष्ट नेता की तरह धाराप्रवाह भाषण उनके व्यक्तित्व में चार चाँद लगाते है। हमारी बातचीत में सारस्वत बताते है, उनका सपना एक तरफ सिनेमा के सबसे बड़े अवार्ड ‘ऑस्कर’ का लेना है, और वही दूसरी ओर एक कुशल नेता या संचालक बन कर जनसेवा करना है. जब उनसे पूछा गया कि अकेला इंसान इतने कार्य करने में कैसे कुशल हो सकता है? तो जवाब में यही कहा- कि सभी कार्य एकाग्र व् नियोजित सारिणी में करने से इंसान एक समय में कई कार्य सिद्ध करने की सक्षमता रखता है. आज की नव पीढ़ी को ऐसे लोगो के मार्गदर्शन की जरूरत है।आने वाले कार्यो के लिए दीपक सारस्वत को हमारी ओर से ढेरों शुभकामनये . ]]>