पटना: वर्ल्ड वाइड रिकॉर्ड्स के प्रमुख रत्नाकर कुमार ने पटना में आयोजित बिहार की भाषा और साहित्य उत्सव “आखिर बिहार उत्सव 2023” में कहा कि अपनी भाषा या लोकभाषाओं की फिल्म बनने के लिए मेकर्स के अंदर मजबूत इच्छा शक्ति का होना नितांत आवश्यक है। रत्नाकर कुमार ने कहा कि आखिर जैसा कार्यक्रम का आयोजन लोकभाषाओं को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है। इससे बिहार की भाषाओं की समस्याओं से रूबरू होंगे और बिहार की भाषाओं को आगे बढ़ाने के लिए ऐसे विमर्श का आयोजन जरूरी है। रत्नाकर कुमार ने इस मौके पर बिहार की भाषाओं को आगे बढ़ाने के लिए सभी भाषाओं में फिल्म बनाने की घोषणा की।

रत्नाकर कुमार ने कहा कि मैं मुजफ्फरपुर से आता हूँ और जब मैंने फिल्म बनानी शुरू की थी, तब मेरे ही घर में माँ ने कहा था कि  यह तो हमारी भाषा नहीं है। इसके बाद हमने फिल्म में बदलाव लाने की सोची। आज वो टाइम आ गया, जब हम वो फिल्में बना रहे हैं, जो अपने घरों में देख सकें। उन्होंने कहा कि किसी भी बदलाव लाने के लिए पहले खुद बदलना होगा। उसके बाद अपने लोगों को बताना होगा। इसके लिए हमें मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा कि बिहार की भाषाओं के लिए दुखद ये रहा कि बिहार के बॉलीवुड के किसी कलाकार से समर्थन नहीं आया। वहीं रत्नाकर कुमार ने बताया कि अभी मेरी 9 फिल्मों की घोषणा हुई है, जिसमें हमने 1 भोजपुरी रखी है, बाकी मैंने उन फिल्मों की घोषणा की, जो आम बोल चाल की भाषा है और घरों में बोली जाती है। उसमें मगही भी है।

बिहार की भाषाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर भाषा में करूंगा फिल्म : रत्नाकर कुमार