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प्रत्युष की कलम से , दोस्तों भारत अंग्रेजों से स्वतंत्र हो गया लेकिन आज भी मानसिक रूप से हमारी आत्मा गुलाम ही है, क्यों की हिंदुस्तान – भारत में प्रतिभा को रोका जा रहा है , आज अपने देश को उन्नत के शिखर में ले जाने वाले जितने भी साधन हैं स्वतंत्रता के पश्चात वो आरक्षित हो चुके हैं , मेरा ऐसा मानना है की जिस देश में प्रतिभाओं को मौका न दिया जाये या योग्यता के अनुरूप आपको परिणाम न मिले वहाँ की प्रतिभाओं की आत्माएं गुलाम है और ऐसा करके कोई राष्ट्र सफल नहीं हो सकता बल्कि एक नई क्रांति को जन्म देगा ।

हमारे बीच से ऐसी ही एक प्रतिभा सुशांत का जाना जो की एक पोस्टर बॉय थे ये हमें दो बातों को दर्शाता है, या तो इस इंडस्ट्री में कुछ लोगों के गुलाम बन जाओ या जो मिले उसी में खुश हो जाओ, मैं मानता हूँ की आत्महत्या गलत है लेकिन सुशांत जिस बुलंदी पर थे उन्हें लगा होगा की मैं अब इससे ज्यादा नहीं जा सकता , क्यूंकि कुछ चंद बॉलीवुड की कंपनी बॉलीवुड को काफी समय से अपने अनुसार चला रही हैं, चाहे वो फिल्म सेक्टर हो या टेलीविज़न सेक्टर , ये जिन्हे चाहती हैं उन्हें स्टार बनाती हैं , या लोगों को नाकारा सिद्ध कर देती हैं बस यही एक डर जिसे बॉलीवुड से संपर्क न रखने वाले लोग डर समझते हैं सुशांत को ये यथार्थ दिखने लगा होगा इस वजह से ऐसा निर्णय लेना पड़ा होगा, लेकिन उनका ये आत्मबलिदान हम जैसे आने वाले एक्टर या प्रोडूसर को नए तरीके से पूरी तरह से आत्म निर्भर होते हुए और सजग होकर चलने की प्रेरणा दे गए हैं ।

इसलिए जल्द हम अपनी म्यूजिक कंपनी सोल-नोड और एक OTT प्लेटफार्म YD ला रहे हैं, हमारी कोशिश रहेगी की हम नई प्रतिभाओं को मौका दें ताकि दुबारा किसी प्रतिभावान व्यक्ति को इस रास्ते पर जाने का विचार न कर सकें, ऐसा नहीं की मेरा ये निर्णय इन्ही चंद दिनों का निर्णय है, ये निर्णय मैं तभी ले पाया जब मैं बॉलवुड की प्रतष्ठित कंपनियों जैसे BR प्रोडक्शन, हैरी बवेजा प्रोडक्शन, संजय लीला भंसाली जैसी कई कम्पनिओं में मैंने इंडस्ट्री के कई फील्डों में काम किया तभी मुझे ये एहसास हो चुका था की यहां सफल होने के लिए आपको हर तरफ से मजबूत होना होगा, नहीं तो यहां के कुछ लोगों की आँखों में आपकी सफलता खटकने लगती है और फिर आपको कही और किसी भी तरह से उलझा दिया जाता है ।

मेरा इस तरीके से कहना एक कल्पना नहीं हमारे १२ वर्षों का संघर्ष है , मै इन संघर्षों को देखते हुवे उनसे प्रेरणा ली और फिर तीनो भाईओं (प्रत्युष, सुमित, जय ) ने मिलकर अपनी प्रोडक्शन कंपनी PSJ MEDIA VISION डाली और एक मराठी फिल्म पिंगा का निर्माण शुरू किया लेकिन अभी कुछ दिनों का शूट कोरोना के चलते बैलेंस ही है ।

इस पर भी हम नहीं हारे और म्यूजिक कम्पनी SOUL – NODE और OTT – YD के लिए दिलो जान से लग चुके हैं और जल्द ही आप सबको कुछ अच्छे प्रोग्राम देखने और गीत सुनने को मिलेंगे आशा करते हैं हमारी ये कोशिश आपको ज़रूर पसंद आएगी।