प्रेस वार्ता के दौरान “द डेस्टिनी कालचक्र” के निर्देशक आकाश सिंह ने कहा कि ज़िंदगी में हर इंसान कभी न कभी मुश्किल दौर से गुज़रता हैं, लेकिन यह ज़िंदगी उसको सलाम करती है जो मुश्किलों और मुसीबत भरे हालात से लड़ता है और जीतता है। हिन्दी फिल्म द डेस्टिनी कालचक्र की कहानी भी एक ऐसे ही व्यक्ति की ज़िंदगी मे आए उतार चढ़ाव पर आधारित है जिसने बड़ी मुश्किलें को पार कर सफलता अर्जित की है। इसी स्टोरी को रियल टच देने के लिए हम शिलौंग में फ़िल्म की शूटिंग कर रहे हैं। यहाँ के लोकेशंस अद्भुत हैं और यहाँ के लोग काफ़ी सपोर्टिव। “द डेस्टिनी कालचक्र” का निर्माण वी सी एम एंटरटेनमेंट के बैनर तले किया जा रहा है। प्रेस वार्ता के सम्बोधन में निर्माता प्रोसेंजीत महापात्रा बताते हैं कि वैसे तो बॉलीवुड में कई बायोपिक बनी है और कई बन भी रही हैं मगर यह फ़िल्म तमाम बायोपिक फिल्मो से अलग है। यह एक सर्वाइवल की कहानी है जो बड़ा ही मोटिवेशनल है। दूसरे लोगों के लिए निर्माता की ज़िंदगी का यह संघर्ष और फर्श से अर्श तक पहुंचने की रियल कहानी प्रेरणा देने वाली है। फ़िल्म के कलाकारों ने भी निर्माता के जोश और जज़्बे को सलाम किया कि उन्होंने जीवन के कठिन लम्हो में भी हिम्मत और हौसले की डोर नही छोड़ी बल्कि लगातार मेहनत करते रहे और अंततः सफलता उन्हें प्राप्त हुई और अंत मे निर्माता प्रोसेंजीत महापत्रा ने सिलौंग के प्रशासन को भी धन्यवाद दिया जिनके सपोर्ट के बिना यहाँ शूटिंग करना सम्भव नहीं था। ——-Sarvesh Kashyaph (p.r.o)]]>