◆ हिन्दी में इतनी बड़ी फिल्म “मुंबई सेंट्रल” आपने की है, “जूली 2” भी आ रही है। चिरंजीवी के साथ दो सौ करोड़ की फिल्म सामने हैं; फिरभी भोजपुरी के लिए मरे जा रहे हैं ? ★ क्योंकि पहचान हमारी भोजपुरी से ही बनी है। और इस फिल्म को लेकर तो मैं बेहद उत्साहित हूं। ◆ ऐसा क्या है इस फिल्म में ? ★ कमाल की फिल्म है “काशी अमरनाथ”। इसमें क्या नहीं है… एक्शन भरपूर, रोमांच और रोमांस दोनों ही नये अंंदाज में। लेकिन, इस फिल्म की सबसे बड़ी खूबी इसका कथानक है, जो मनोरंजन के साथ संदेश भी देता है। दर्शकों को जागरूक करता है। ◆ कैसे जागरूकता फैलाती है ये फिल्म ? ★ काशी के रूप में दिनेश एक भूखंड पर अस्पताल बनाने की कोशिश में लगे रहते हैं। इधर मैं अमरनाथ, उसी ज़मीन पर गुटखा की फैक्टरी लगाने के जुगाड़ मेें लग जाता हूँ। आगे इसमें गुटखा के सेवन से होनेवाले नुकसान को बड़ी सहजता से दिखाया गया है, जन जागृति जगाने की कोशिश की गई है और बड़े प्रभावी ढंंग से की गई है । ◆ इसके लिए किसे धन्यवाद देंगे ? ★ सबसे पहले तो मधु (चोपड़ा) मैडम को, जिन्होंने इस तरह की फिल्म बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। संंतोष तो धन्यवाद के पात्र हैं ही। इस बंदे की योग्यता को पहले मैंने ही परखा और “कईसन पियवा के चरित्तर बा” में लेखक के साथ साथ जबरदस्ती निर्देशक बनाया । ◆ और कोई नई बात ? ★ यही कि मधु चोपड़ा और प्रियंका चोपड़ा (मां बेटी) जैसी शख्सियत अगर हमारे साथ हैं, उनका सहयोग, मार्गदर्शन है फिर तो भोजपुरी सिनेमा को एक नई ऊंचाई तक ले जाने से कोई नहीं रोक पायेगा। ◆ और दूसरी गतिविधियां ? ★ उत्तर प्रदेश और झारखंड के फिल्म बोर्ड से जुड़ा हूँ। उसके लिए भी भागना पड़ता है। ]]>